इंदौर / पांचवी पास 83 साल के हादी के पास है ढाई हजा़र किताबों का संग्रह, इसमें 10 हज़ार पन्नों की दुर्लभ पुस्तक भी शामिल

किताबों से बेतहाशा प्यार करने वाले महू के 83 साल के अब्दुल हादी ने पूरी जिंदगी किताबों के बीच ही गुजारी है। वैसे तो उनके ढाई हज़ार से ज्यादा किताबों का संग्रह है। इनमें कुछ किताबें दुर्लभ हैं और करीब 150 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। इसमें एक किताब 10 हज़ार पन्नों की है। इनमें कई उर्दू, अरबी, फारसी और इंग्लिश की किताबें शामिल हैं। कुछ रिसर्च स्काॅलर्स भी उनकी इस किताबों की अपनी रिसर्च में मदद लेते हैं।


सिटी भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरी स्कूली शिक्षा में कोई दिलचस्पी नहीं थी। स्कूल में गैरहाजिरी के चलते कई बार  स्कूल से मेरा नाम भी काटा गया। लेकिन पांचवी-छठी के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी। मेरे पिता शहर के मशहूर हकीम थे और घर में पढ़ाई का माहौल था। पिता उर्दू लिटरेचर की किताबें पढ़ते थे। पिता की सोहबत में मैंने उर्दू साहित्य को पढ़ना शुरू कर दिया। वे बताते हैं कि सन् 1952 में महू में एक बड़ा मुशायरा हुआ। मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी जैसे बड़े शायर इस मुशायरे में शामिल हुए।  


रातभर मुशायरा सुनने के बाद दूसरे दिन मुझे  लगा कि ये काम तो मैं भी कर सकता हूं।  जब उन्होंने अपने पिता के सामने शेर पढ़ा तो उनके पिता ने उन्हें तमाचा रसीद कर दिया। उनके पिता का मानना था कि शायर मनमौजी होते हैं और वो जिंदगी के प्रति जिम्मेदार नहीं होते। इसके बाद उन्होंने छिप-छिपकर लिखना शुरू कर दिया। लेकिन लिखने से ज्यादा उनका पढ़ने का मन था। उर्दू लिटरेचर पढ़ने के बाद उन्होंने दूसरी भाषाओं का लिटरेचर पढ़ना चाहा। और किताबें इकट्ठा की। दूसरी भाषाओं को समझने के लिए उन्होंने डिक्शनरी खरीदी। उर्दू और फारसी के रिसर्च स्कॉलर अब हादी के अंडर में रिसर्च कर रहे हैं।  पिछले लगभग 50 साल से स्टूडेंट्स को उर्दू, फारसी, यूनानी और इंग्लिश पढ़ा रहे हैं। स्टूडेंट्स के योगदान से ही वो अपनी आजीविका चला रहे हैं।  वे पिछले 50 सालों से नि:शुल्क उर्दू सिखा रहे हैं।



Popular posts
इंदौर के लोगों की बात / सबसे सख्त लॉकडाउन पर कहा- लोग समस्या की गंभीरता समझने को तैयार ही नहीं, आखिर जिंदगी का सवाल है
देश का सबसे सख्त लॉकडाउन इंदौर में / 1 अप्रैल तक सब बंद: दूध खरीदने के लिए प्रशासन ने दो घंटे की मोहलत दी तो डेयरियों पर भीड़ उमड़ी, सोशल डिस्टेंसिंग भूले लोग
Image
इंदौर / कलर प्रिंटर के जरिये दो तरीकों से बनाते थे नकली नोट, किराए के घर में चल रही थी प्रिंटिंग प्रेस
मध्यप्रदेश / ई-टेंडर घोटाले का खुलासा करने वाले रस्ताेगी बने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव; बदले जा सकते हैं भोपाल कलेक्टर
कोरोना से राजधानी बंद / भोपाल में आज से टोटल लॉकडाउन; सिर्फ मेडिकल स्टोर और दूध पार्लर खुले, सुबह से सड़कों पर सन्नाटा